समाज को विभाजित करने के लिए 'धर्म खतरे में है' का नारा प्रयोग किया जाता
है पर हम सभी को एक बात हमेशा याद रखनी है नफरत जो सिखाये वो धर्म नहीं
है, मानवता को जो रौंदे वो कर्म नहीं है।
धर्म हमें अपने को उच्च या श्रेष्ठ समझने, दूसरों को नीच या हीन समझकर भेद-भाव करने की शिक्षा नहीं देता।
धर्म हमें अपने को उच्च या श्रेष्ठ समझने, दूसरों को नीच या हीन समझकर भेद-भाव करने की शिक्षा नहीं देता।
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